पंचतंत्र की कहानी: प्यासी चींटी और कबूतर ( Panchtantra Ki Kahaani Pyasi Chinti aur Kabutar)
किसी जंगल में, एक पेड़ था। उस पेड़ के नीचे एक चींटी रहती थी। और उसी पेड़ के ऊपर एक कबूतर घोसला बना कर रहत…
किसी जंगल में, एक पेड़ था। उस पेड़ के नीचे एक चींटी रहती थी। और उसी पेड़ के ऊपर एक कबूतर घोसला बना कर रहत…
किसी जंगल में, एक पेड़ था। उस पेड़ के नीचे एक चींटी रहती थी। और उसी पेड़ के ऊपर एक कबूतर घोसला बना कर रहत…
-दोहा- जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला,…
विश्व में हज़ारों भाषाएँ प्रचलित हैं, और इनमें हिन्दी एक प्रमुख और महत्वपूर्ण भाषा है। हिन्दी विकसित और समृद्…
जागो प्यारे उठो लाल, अब आँखे खोलो। पानी लायी हूँ, मुँह धो लो।। बीती रात कमल-दल फूले । उनके ऊपर भौंरें झूले ।।…
सुंदरवन में एक शेर रहता था। जंगल के जानवर उससे इतना डरते थे कि, उसकी दहाड़ सुनते ही अपने-अपने प्राण बचाने के …
अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली। तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ अम्बे त…
हाथ में त्रिशूल गरवा सोनवा के हार, रुपवा मनवा मोहत बा बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा ।। अन्तरा-1 एक हा…
आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्टदलन रघुनाथ कला की अंतरा-1 जाके बल से गिरिवर कांपे, रोग दोष जाके निकट न झांके अं…
ओ मुरख बन्दे, क्या है रे जग मे तेरा, ये तो सब झूठा सपना है -2, क्या तेरा क्या मेरा मूरख बन्दे... अंतरा-1 कितन…
नवरात्रि के दौरान हर दिन विशेष रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है, जो देवी माँ के विभिन्न रूपों और गुणों को दर…
जय गुरुदेव दयानिधि, दीनन हितकारी, स्वामी भक्तन हितकारी जय जय मोह विनाशक, भव बंधन हारी, ॐ जय जय जय गुरुदेव हर…
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